किसी का टाइम पास मत बना देना।

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बातों का अहसास मत बना देना मुझे किसी का खास मत बना देना बस इतना रहम करना मेरे मालिक  किसी का टाइम पास मत बना देना। जान कह कर जो जान देते थे ओ चले गये अनजान बन कर फितरत किसकी क्या है क्या पता बारी आयी तो चले गये ज्ञान देकर। अब होंसला दे खुदा की निकाल सकूं खुद को भी किसी तरह संभाल सकूं आसां नहीं रूह का जिस्म से जुदा होना बगैर उसके जीने की आदत डाल सकूं। हमने ओ भयावह मंजर भी देखा है किसी को टूटते हुये अंदर से देखा है अब किसी के लिये क्या रोना धोना हमने तो अब खुद में सिकंदर देखा है।  

नाम उसका फरिश्तों में आ जाये।


ओ शरारतें, शैतानियां और लड़कपन
जी करता हम पुराने रिस्तों में आ जायें।

ताकना, झांकना, एक दूजे को डांटना
भले खुशियां हमारी किस्तों में आ जायें।

कोई शख़्स ऐसा जो मिला दे फिर से हमे
यकीनन नाम उसका फरिश्तों में आ जाये।

चुन लें कुछ फूल हम भी पुराने लम्हों से
फिर तो नाम हमारा मौला-मस्तों में आ जाये।

मिल जाऊँ उसे आज भी आसानी से
गर नाम मेरा बड़े सस्तों में आ  जाये।

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