किसी का टाइम पास मत बना देना।

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बातों का अहसास मत बना देना मुझे किसी का खास मत बना देना बस इतना रहम करना मेरे मालिक  किसी का टाइम पास मत बना देना। जान कह कर जो जान देते थे ओ चले गये अनजान बन कर फितरत किसकी क्या है क्या पता बारी आयी तो चले गये ज्ञान देकर। अब होंसला दे खुदा की निकाल सकूं खुद को भी किसी तरह संभाल सकूं आसां नहीं रूह का जिस्म से जुदा होना बगैर उसके जीने की आदत डाल सकूं। हमने ओ भयावह मंजर भी देखा है किसी को टूटते हुये अंदर से देखा है अब किसी के लिये क्या रोना धोना हमने तो अब खुद में सिकंदर देखा है।  

गीत। तेरी यादें धीरे - धीरे ।

 


दफ़न   हो    रही    है
तेरी यादें  धीरे - धीरे ।

खोता   जा   रहा   हूँ 
खुदी  को  धीरे - धीरे।

बदलती   जा   रही  है
मेरी  सनम  धीरे - धीरे।

बह  रहे   हैं  नयन  से
ये अश्क  धीरे -  धीरे।

जा  रही  है आंखों  से
चमक   धीरे  -  धीरे।

जिस्म  जां से हो रही
जुदा   धीरे  -   धीरे ।

नजरों  से  उतर रही है
ओ  नजर  धीरे - धीरे ।





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