किसी का टाइम पास मत बना देना।

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बातों का अहसास मत बना देना मुझे किसी का खास मत बना देना बस इतना रहम करना मेरे मालिक  किसी का टाइम पास मत बना देना। जान कह कर जो जान देते थे ओ चले गये अनजान बन कर फितरत किसकी क्या है क्या पता बारी आयी तो चले गये ज्ञान देकर। अब होंसला दे खुदा की निकाल सकूं खुद को भी किसी तरह संभाल सकूं आसां नहीं रूह का जिस्म से जुदा होना बगैर उसके जीने की आदत डाल सकूं। हमने ओ भयावह मंजर भी देखा है किसी को टूटते हुये अंदर से देखा है अब किसी के लिये क्या रोना धोना हमने तो अब खुद में सिकंदर देखा है।  

कहां लिखा है।

बिछड़ कर तुमसे तेरा होना कहां लिखा है

मेरी किस्मत में अब सोना कहां लिखा है।


चाहो  तो  गलियां मेरी भी रोशन हो जाये खुदा

वरना अंधेरे को उजाले का होना कहां लिखा है।


कही  थी  बगैर  मेरे  मर   तो   नहीं  जाओगे

मेरी हालात पर तुम्हें अब रोना कहां लिखा है।


मोती  की  तरह  जो  आज बह रहे हो अश्क़

मेरी आँखों का तेरा अब होना कहां लिखा है।


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