किसी का टाइम पास मत बना देना।

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बातों का अहसास मत बना देना मुझे किसी का खास मत बना देना बस इतना रहम करना मेरे मालिक  किसी का टाइम पास मत बना देना। जान कह कर जो जान देते थे ओ चले गये अनजान बन कर फितरत किसकी क्या है क्या पता बारी आयी तो चले गये ज्ञान देकर। अब होंसला दे खुदा की निकाल सकूं खुद को भी किसी तरह संभाल सकूं आसां नहीं रूह का जिस्म से जुदा होना बगैर उसके जीने की आदत डाल सकूं। हमने ओ भयावह मंजर भी देखा है किसी को टूटते हुये अंदर से देखा है अब किसी के लिये क्या रोना धोना हमने तो अब खुद में सिकंदर देखा है।  

रिस्ते प्रेम के ही हैं जो कभी पुराने नहीं लगते।


 बिन साथ सफर जिंदगी के सुहाने नहीं लगते

रिस्ते प्रेम के ही हैं जो कभी पुराने नहीं लगते।


चाह कितनी भी हो इस जमाने की दरिया

दीपक घरों के कभी बेटे जलाने नहीं लगते।


आंधियों ने गर पैगाम भेजा है तो सुन लो

किसी ख़ौफ़ से हम दीपक बुझाने नहीं लगते।


मिला हूँ तुझसे तो सिर्फ तुम्हारी आत्मा से 

इतने में परमात्मा विधान मिटाने नहीं लगते।


गर इश्क था तो बेड़ियां राह बनाकर चली आना

हम यूं ही ख्वाबों में जान लुटाने नहीं लगते।


मानता हूँ कि कुछ कसर रह गयी मेरी तरफ से

मगर  जाने  के  ये  सटीक  बहाने  नहीं लगते।


जब  जहां  जैसे  चाहा  छोड़  दिया  दरिया

हमें भुलाने में किसी को जमाने नहीं लगते।


              " दरिया"


Comments

Unknown said…
Aise thodi na ..... Ap bhulne wali hsti nhi ho
Mujhe itna kareeb se samjhne ke liye apka vishesh dhanyavad

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किसी का टाइम पास मत बना देना।

तेरे बिन जिंदगी बसर कैसे हो।

बस रोने को ही जी चाहता है।