तुम्हें क्या पता कि तुम मेरे लिए क्या हो
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तुम्हें क्या पता कि
तुम मेरे लिए क्या हो
तुम्हीं मेरी बाग हो
तुम्हीं मेरी काग हो
होली के रंगों में मिली
तुम्हीं मेरी फ़ाग हो।
तुम्हीं मेरी आस हो
तुम्हीं मेरी काश हो
आरज़ू-ए-सीने की
तुम्हीं मेरी सांस हो।
तुम्हीं मेरी हाल हो
तुम्हीं मेरी चाल हो
बिसम परिस्थितियों में
तुम्हीं मेरी ढाल हो।
तुम्हीं मेरी गीत हो
तुम्हीं संगीत हो
हुयी आत्मा से जो
तुम्हीं मेरी प्रीत हो।
तुम्हीं मेरी आह हो
तुम्हीं मेरी चाह हो
अदृश्य मंजिल की
तुम्हीं मेरी राह हो।
बचपन का पांव हो
तुम्हीं मेरा गांव हो
जुटते थे पंच जहां
पीपल की छांव हो।
शांत सी अबोध हो
तुम्हीं मेरी शोध हो
संभाल न सकूं जो
तुम्हीं मेरा क्रोध हो
जीवन की रंग हो
जिंदगी की जंग हो
साये की तरह रहती
तुम्हीं मेरी अर्ध अंग हो।
आंखों का नज़ारा हो
तुम्हीं मेरा सहारा हो
डूबती दरिया का
तुम्हीं तो किनारा हो।
मेरी हर बात हो
तुम्हीं जज़्बात हो
छुपाता फिरूं मैं
जमीनी कागजात हो
जिंदगी की नाय हो
तुम्हीं मेरी राय हो
सुबह,कड़क वाली
तुम्हीं मेरी चाय हो।
"दरिया"
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