किसी का टाइम पास मत बना देना।

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बातों का अहसास मत बना देना मुझे किसी का खास मत बना देना बस इतना रहम करना मेरे मालिक  किसी का टाइम पास मत बना देना। जान कह कर जो जान देते थे ओ चले गये अनजान बन कर फितरत किसकी क्या है क्या पता बारी आयी तो चले गये ज्ञान देकर। अब होंसला दे खुदा की निकाल सकूं खुद को भी किसी तरह संभाल सकूं आसां नहीं रूह का जिस्म से जुदा होना बगैर उसके जीने की आदत डाल सकूं। हमने ओ भयावह मंजर भी देखा है किसी को टूटते हुये अंदर से देखा है अब किसी के लिये क्या रोना धोना हमने तो अब खुद में सिकंदर देखा है।  

न कभी हम मिल पायेंगे।

 

न दाग दामन में लगने पायेंगे
भले जान जिस्म से चले जायेंगे
न कभी हम मिल पायेंगे।

नयन बस नीर बहायेंगे
नज़र नजर को तरस जायेंगे
न कभी हम मिल पायेंगे।

इरादे सारे बदल जायेंगे
वादे सब भूल जायेंगे।
न कभी हम मिल पायेंगे।

नकाब चेहरे पर आयेंगे
हम इतने फरेबी हो जायेंगे।
न कभी हम मिल पायेंगे।


वादे रात को करके आयेंगे
सुबह घोल चाय में पी जायेंगे
न कभी हम मिल पायेंगे।

त्योहार सपनों में आयेंगे
हम अपनों के लिए गिड़गिड़ाएंगे
न कभी हम मिल पायेंगे।


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