किसी का टाइम पास मत बना देना।

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बातों का अहसास मत बना देना मुझे किसी का खास मत बना देना बस इतना रहम करना मेरे मालिक  किसी का टाइम पास मत बना देना। जान कह कर जो जान देते थे ओ चले गये अनजान बन कर फितरत किसकी क्या है क्या पता बारी आयी तो चले गये ज्ञान देकर। अब होंसला दे खुदा की निकाल सकूं खुद को भी किसी तरह संभाल सकूं आसां नहीं रूह का जिस्म से जुदा होना बगैर उसके जीने की आदत डाल सकूं। हमने ओ भयावह मंजर भी देखा है किसी को टूटते हुये अंदर से देखा है अब किसी के लिये क्या रोना धोना हमने तो अब खुद में सिकंदर देखा है।  

जिसको जाना था ओ चले गये।


साथ लेकर सारे शिकवे गिले गये
जिसको जाना था ओ चले गये।

बात पुरानी हवेली की करते हो साहब
नीव नई बखरियो के अब तो हिल गये।

शिकायत अपनों से ही रहती है सदा
कौंन गैरों के लिपटने गले गये।

चमन खाली नहीं होता 'दरिया'
यहाँ कितनों के माली बदले गये।

मज़ाल क्या बहार की जो न आये
हर कली जो चमन के खिल गये।

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