किसी का टाइम पास मत बना देना।

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बातों का अहसास मत बना देना मुझे किसी का खास मत बना देना बस इतना रहम करना मेरे मालिक  किसी का टाइम पास मत बना देना। जान कह कर जो जान देते थे ओ चले गये अनजान बन कर फितरत किसकी क्या है क्या पता बारी आयी तो चले गये ज्ञान देकर। अब होंसला दे खुदा की निकाल सकूं खुद को भी किसी तरह संभाल सकूं आसां नहीं रूह का जिस्म से जुदा होना बगैर उसके जीने की आदत डाल सकूं। हमने ओ भयावह मंजर भी देखा है किसी को टूटते हुये अंदर से देखा है अब किसी के लिये क्या रोना धोना हमने तो अब खुद में सिकंदर देखा है।  

पर्दा हटा रखना।

पलकें  भिगो  कर  सींचा  है  हमने
हो  सके  वतन को हरा भरा रखना।

वर्षा  नहीं  सकते हो दो फूल मुझ पर
पत्थर फेंकने से खुद को बचा रखना।

बीच  की  दूरियों को इतना सज़ा रखना
हो सके हथेलियों को सफा-सफा रखना

शौक  नहीं लाठियां  भांजने  का मुझे
हो  सके  पलकों  से  पर्दा हटा रखना।

न  दे  सको  दान  एक फूटी कौड़ी भी
राष्ट्र  हित  में  तिज़ोरी  खुला  रखना।
              'दरिया'

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