Happy propose day
क्या बात है आज तो एकदम कहर ढा रही हो, नहीं ऐसा तो कुछ भी नही है अपनी उंगलियों को जुल्फों में पिरोते हुये बोली।अरे यार मैं तो जल्दी जल्दी में कुछ कर नहीं पायी बस ऐसे ही कपड़ा डाला और चल दिया। हां जो भी हो लेकिन बहुत खूबसूरत लग रही हो अरे जाने भी दो आपको तो ऐसा ही लगता है पलकें गिरा के आशी शर्माते हुये बोली।
वाकई में आज ओ बहुत खूबसूरत लग रही थी क्योंकि यह स्टूडेंट लाइफ का सबसे कड़वा अनुभव है कि जिसे आप रोज यूनिफार्म में सामान्यतः देखते हैं और अचानक से ओ फॉर्मल ड्रेस में आ जाये तो देख कर दंग रह जाना लाज़मी है। यह आशु के साथ पहली बार हो रहा था। मन्दिर की सीढ़ियां चढ़ते वक्त आशु दुपट्टे को पकड़ने ही जा रहे थे ( जो सूट सलवार पर आज डाल कर आयी थी) कि तभी आशी ने आशु के हाथो को मजबूती से पकड़ कर मन्दिर की फेरियां करने लगी थी। पुजारी- बेटा तुम तो हमेशा अकेले आती थी आज ये तुम्हारे साथ लड़का कौन है।आशी- पुजारी जी ये मेरे कॉलेज के दोस्त हैं आशी ने बड़ी शालीनता से जवाब दिया और फेरे लगाते रहे।
फेरे पूरे करने बाद आशी ने चंदन लिया और आशु के ललाट पर हलका से लगाया ओर फिर पुजारी जी ने दोनों को प्रसाद दिए और दोंनो चल दिये।
मंदिर की सीढ़ियां उतरते वक्त आशी ने कहा- जानते हो तुम मुझे बहुत पसंद हो, इसके बाद काफी देर तक सन्नाटा रहा..............।
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