किसी का टाइम पास मत बना देना।

Image
बातों का अहसास मत बना देना मुझे किसी का खास मत बना देना बस इतना रहम करना मेरे मालिक  किसी का टाइम पास मत बना देना। जान कह कर जो जान देते थे ओ चले गये अनजान बन कर फितरत किसकी क्या है क्या पता बारी आयी तो चले गये ज्ञान देकर। अब होंसला दे खुदा की निकाल सकूं खुद को भी किसी तरह संभाल सकूं आसां नहीं रूह का जिस्म से जुदा होना बगैर उसके जीने की आदत डाल सकूं। हमने ओ भयावह मंजर भी देखा है किसी को टूटते हुये अंदर से देखा है अब किसी के लिये क्या रोना धोना हमने तो अब खुद में सिकंदर देखा है।  

याद तुम्हारी आती है।

रिम झिम बारिस के फुहारों से
आते  जाते  इन  त्योहारों    से
याद तुम्हारी आती है।

नुक्कड़     के    नक्कारों  से
बजते ढोलक और नगारों से
याद. तुम्हारी आती है।

ओलों  की  मारों  से
सर्दी  की लाचारों से
याद तुम्हारी आती है।

जीवन  की  हारों  से
व्यथित  मन मारों से
याद तुम्हारी आती है।

ओठों  की  धारों  से
जिस्म की अंगारो से
याद तुम्हारी आती है।

समर्थन और विरोधों से
विकास की अवरोधों से
याद तुम्हारी आती है।

Comments

Popular posts from this blog

किसी का टाइम पास मत बना देना।

तेरे बिन जिंदगी बसर कैसे हो।

बस रोने को ही जी चाहता है।