किसी का टाइम पास मत बना देना।

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बातों का अहसास मत बना देना मुझे किसी का खास मत बना देना बस इतना रहम करना मेरे मालिक  किसी का टाइम पास मत बना देना। जान कह कर जो जान देते थे ओ चले गये अनजान बन कर फितरत किसकी क्या है क्या पता बारी आयी तो चले गये ज्ञान देकर। अब होंसला दे खुदा की निकाल सकूं खुद को भी किसी तरह संभाल सकूं आसां नहीं रूह का जिस्म से जुदा होना बगैर उसके जीने की आदत डाल सकूं। हमने ओ भयावह मंजर भी देखा है किसी को टूटते हुये अंदर से देखा है अब किसी के लिये क्या रोना धोना हमने तो अब खुद में सिकंदर देखा है।  

मेरे पास चली आना।

तुम  धन   से  न  सही
और  तन  से  न  सही
मन   से   चली  आना
कभी  दिल  धड़के तो
मेरे  पास  चली आना।

एक    दिन    न    सही,
एक     रात    न    सही
बस  दो  पल   के  लिए
मेरे  पास  चली  आना।

अंदर  चलता  द्वंद  मिले
दरवाज़ा  भी  बंद  मिले
खिड़की  के   ही  सहारे
मेरे  पास   चली  आना।

ऊब  जाना  रिश्तों  से  तुम
छोड़  घरबार  चली  आना
इंतजार   रहेगा    ता    उम्र
बस  इक  बार चली आना।

सुखों   की   जरूरत   हो
बेशक   तुम   मत   आना
खुशियों  की  जरूरत  हो
मेरे   पास   चली   आना।

अरसे      बीत     गए
तुझसे   मिले        हुये
पटाका बन दीवाली में
इस  बार   चली   आना।
               'दरिया'



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