किसी का टाइम पास मत बना देना।

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बातों का अहसास मत बना देना मुझे किसी का खास मत बना देना बस इतना रहम करना मेरे मालिक  किसी का टाइम पास मत बना देना। जान कह कर जो जान देते थे ओ चले गये अनजान बन कर फितरत किसकी क्या है क्या पता बारी आयी तो चले गये ज्ञान देकर। अब होंसला दे खुदा की निकाल सकूं खुद को भी किसी तरह संभाल सकूं आसां नहीं रूह का जिस्म से जुदा होना बगैर उसके जीने की आदत डाल सकूं। हमने ओ भयावह मंजर भी देखा है किसी को टूटते हुये अंदर से देखा है अब किसी के लिये क्या रोना धोना हमने तो अब खुद में सिकंदर देखा है।  

जिंदगी।।

मेरे साथ जिंदगी ने कई खेल खेले हैं
कहीं समय तो कहीं बेबसी के दर्द झेले हैं
नूर ही आंखों के नासूर हो गये
हमने बदलते रिश्तों के दंश झेले हैं।।

हम बेगुनाही का। सुबूत देते रहे
और ओ गुनहगार सिद्ध करते रहे
सबकी निगाहों में गिरा कर हमें
अपनी कुशल वकालत का परिचय देते रहे।।

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