किसी का टाइम पास मत बना देना।

Image
बातों का अहसास मत बना देना मुझे किसी का खास मत बना देना बस इतना रहम करना मेरे मालिक  किसी का टाइम पास मत बना देना। जान कह कर जो जान देते थे ओ चले गये अनजान बन कर फितरत किसकी क्या है क्या पता बारी आयी तो चले गये ज्ञान देकर। अब होंसला दे खुदा की निकाल सकूं खुद को भी किसी तरह संभाल सकूं आसां नहीं रूह का जिस्म से जुदा होना बगैर उसके जीने की आदत डाल सकूं। हमने ओ भयावह मंजर भी देखा है किसी को टूटते हुये अंदर से देखा है अब किसी के लिये क्या रोना धोना हमने तो अब खुद में सिकंदर देखा है।  

मां ये मां जब भी तेरी याद आती है मेरा दिल तेरी आंचल में लिपट जाना चाहती है


                 मां
ये मां जब भी तेरी याद आती है
मेरा दिल तेरी आंचल में लिपट जाना चाहती है

धूप में आंचल की छांव दी हो
सर्दियों में तन को पसारा हो
बारिस की बूँदें जिसे छू न सके
जतन भी किया कितना सारा हो
चरणों में जिंदगी ठिकाना चाहती है |
मेरा दिल .....................................

मेरी खुशियों से खुश हो जाती है
कितने दुखों से मुझको संभाला है
मेरी हर सांसों में बस तू रहे मां
सांसें भी तुझमें समा जाना चाहती हैं |
मेरा दिल .......................................

कभी लोरी सुनाती
कभी थपकियां देकर सुलाती
कभी आंचल में छुपाती
कभी मुझमें खुद खो जाती
उम्र भी गोदी में बिखर जाना चाहती है |
मेरा दिल ......................................
             रामानुज ‘दरिया’

Comments

Popular posts from this blog

किसी का टाइम पास मत बना देना।

तेरे बिन जिंदगी बसर कैसे हो।

बस रोने को ही जी चाहता है।