किसी का टाइम पास मत बना देना।

Image
बातों का अहसास मत बना देना मुझे किसी का खास मत बना देना बस इतना रहम करना मेरे मालिक  किसी का टाइम पास मत बना देना। जान कह कर जो जान देते थे ओ चले गये अनजान बन कर फितरत किसकी क्या है क्या पता बारी आयी तो चले गये ज्ञान देकर। अब होंसला दे खुदा की निकाल सकूं खुद को भी किसी तरह संभाल सकूं आसां नहीं रूह का जिस्म से जुदा होना बगैर उसके जीने की आदत डाल सकूं। हमने ओ भयावह मंजर भी देखा है किसी को टूटते हुये अंदर से देखा है अब किसी के लिये क्या रोना धोना हमने तो अब खुद में सिकंदर देखा है।  

ये जिंदगी तुझसे अब आस नहीं कोई |

            ग़ज़ल
ये जिंदगी तुझसे,
अब आस नहीं कोई |
मेरे सर पे धूप रहने दे ,
न चहिये छांव अब कोई ||
सताने लगे हैं ,
ये उजाले भी मुझे |
अंधेरों में न रही ,
औकात अब कोई ||
ये जिंदगी .....................
नफ़रते हुश्न का जलवा तो देखो
टूट कर आइना भी कहता है
“ये मनहूस चेहरा” 
तुझे कितना बरदास करे कोई ||
ये जिंदगी ......................
          रामानुज “दरिया”

Comments

Popular posts from this blog

किसी का टाइम पास मत बना देना।

तेरे बिन जिंदगी बसर कैसे हो।

बस रोने को ही जी चाहता है।