किसी का टाइम पास मत बना देना।

Image
बातों का अहसास मत बना देना मुझे किसी का खास मत बना देना बस इतना रहम करना मेरे मालिक  किसी का टाइम पास मत बना देना। जान कह कर जो जान देते थे ओ चले गये अनजान बन कर फितरत किसकी क्या है क्या पता बारी आयी तो चले गये ज्ञान देकर। अब होंसला दे खुदा की निकाल सकूं खुद को भी किसी तरह संभाल सकूं आसां नहीं रूह का जिस्म से जुदा होना बगैर उसके जीने की आदत डाल सकूं। हमने ओ भयावह मंजर भी देखा है किसी को टूटते हुये अंदर से देखा है अब किसी के लिये क्या रोना धोना हमने तो अब खुद में सिकंदर देखा है।  

तेरे सारे किरदार बदल गए |


न जाने कितने बदल गए
हवाओं ने बेरुखी की
सारे मौसम बदल गए |
तख्त-ए –ताज बदल गए
दिलों के सरताज बदल गए
जब मोहब्बत हमने की
सनम के अंदाज बदल गए |
सादगी में जीने क्या लगे
उनके तो atitude बढ़ने लगे
जब तेवर हमने दिखाए
सतरंज के सब चाल बदल गए |
प्यार के इम्तहां में फेल हो गए
अस्कों  के भी कई खेल हो गए
अंदर थे तेरी मोहब्बत बनकर
बाहर आते ही दरिया से मेल हो गए|
पूँछ लो आज दिल से मेरे
कितनी मोहब्बत है तेरे लिए
हाल-ए –दिल क्या बयाँ किया
तेरे सारे किरदार बदल गए |
हवाओं ने बेरुखी की
सारे मौसम बदल गए ||
        रामानुज ‘दरिया ‘

Comments

Popular posts from this blog

किसी का टाइम पास मत बना देना।

तेरे बिन जिंदगी बसर कैसे हो।

बस रोने को ही जी चाहता है।